WCL 2025: भारत बनाम पाकिस्तान का मुकाबला हुआ रद्द, जानिए वजह

वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसमें दुनिया भर के रिटायर्ड क्रिकेट दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन 2025 के इस टूर्नामेंट में भारत बनाम पाकिस्तान का बहुप्रतीक्षित मैच विवाद का कारण बन गया। इस मैच को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध की लहर दौड़ पड़ी, और परिणामस्वरूप कई दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों ने मैच खेलने से इनकार कर दिया।

सोशल मीडिया पर विरोध क्यों?

मैच की घोषणा होते ही सोशल मीडिया पर #BoycottIndiaVsPakistan और #NoCricketWithTerror जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोगों का मानना था कि जब सीमा पर तनाव है और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन मिलता है, तब भारत को किसी भी तरह का क्रिकेट संबंध नहीं रखना चाहिए। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र की भावना का विषय बन गया।

किन खिलाड़ियों ने खेलने से किया इनकार?

विरोध को देखते हुए भारत की WCL टीम के प्रमुख खिलाड़ियों ने मैदान में उतरने से मना कर दिया। इनमें शामिल हैं:

  • सुरेश रैना: “देश के सम्मान से ऊपर कुछ नहीं।”
  • हरभजन सिंह: “ऐसे मैच का हिस्सा नहीं बन सकता जो देश की भावना के खिलाफ हो।”
  • शिखर धवन: “खेल जरूरी है, लेकिन उससे पहले देश और उसके लोग।”

इन खिलाड़ियों के फैसले ने फैंस के बीच उनका सम्मान और भी बढ़ा दिया।

प्रेस रिलीज़ में आयोजकों ने कहा:

“हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि WCL ने दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में एक बार फिर पुराने दिनों की यादें ताजा कर दी हैं। इस मंच से दिग्गज खिलाड़ी फिर से मैदान में उतरते हैं, जो लाखों फैंस के लिए एक भावनात्मक अनुभव होता है।”

आयोजकों की परेशानी

WCL आयोजकों की मुश्किलें बढ़ गईं। उन्होंने टूर्नामेंट को ग्लोबल लेवल पर प्रमोट किया था, लेकिन भारत में मिल रही प्रतिक्रिया ने आयोजकों को बैकफुट पर ला दिया। अब आयोजन समिति पर यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या उन्होंने खिलाड़ियों की भावना और देश की स्थिति को ध्यान में रखा?

खेल बनाम देश: कौन प्राथमिकता है?

भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा से संवेदनशील रहा है। कुछ लोग मानते हैं कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए, लेकिन जब बात शहीदों के बलिदान और राष्ट्रीय सम्मान की हो, तो क्रिकेट भी बैकसीट पर चला जाता है। यह सिर्फ एक मैच नहीं था, यह एक संदेश था कि “देश पहले है।”

निष्कर्ष

WCL 2025 का भारत-पाकिस्तान मुकाबला अब क्रिकेट से कहीं आगे निकल चुका है। यह विवाद देशभक्ति, सामाजिक चेतना और खिलाड़ियों की जिम्मेदारी का प्रतीक बन गया। सुरेश रैना, हरभजन सिंह और शिखर धवन जैसे दिग्गजों ने यह साबित किया कि वे केवल क्रिकेट के ही नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम के भी लीजेंड हैं।

आपका क्या विचार है? क्या यह निर्णय सही ? नीचे कमेंट कर अपनी राय जरूर साझा करें।

Leave a comment