सोने चांदी के दाम : रिकॉर्ड ऊंचाई पर सोना-चांदी: वैश्विक संकटों का आईना, निवेशकों के लिए अवसर या चुनौती?
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!23 सितंबर 2025 को भारतीय वस्तु बाजार में एक नया इतिहास रचा गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत ₹1,12,750 प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई, जबकि चांदी ने ₹1,34,016 प्रति किलोग्राम का आंकड़ा छू लिया। यह तेजी न केवल घरेलू बाजार की कहानी है, बल्कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का प्रतिबिंब भी।
नवरात्रि जैसे त्योहारों की शुरुआत के साथ-साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणाओं और भू-राजनीतिक तनावों ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्तियों की ओर धकेल दिया है।
सोने चांदी के दाम वर्तमान बाजार परिदृश्य: MCX पर नया रिकॉर्ड
23 सितंबर को सुबह 10:45 बजे के आसपास MCX पर अक्टूबर डिलीवरी के लिए सोने के फ्यूचर्स 0.51% की तेजी के साथ ₹1,12,798 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहे थे। इसी तरह, दिसंबर डिलीवरी के चांदी फ्यूचर्स 0.51% ऊपर ₹1,34,238 प्रति किलोग्राम पर पहुंचे। यह स्तर पिछले पांच कारोबारी सत्रों में चौथी लगातार बढ़त है, जो त्योहारी सीजन की मजबूत शुरुआत का संकेत देता है। घरेलू हाजिर बाजार में भी 24 कैरेट सोना ₹1,16,200 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो जनवरी 2025 के ₹76,162 के स्तर से 52% की वृद्धि दर्शाता है।
चांदी की रफ्तार सोने से भी तेज रही। जहां सोना साल भर में 36% चढ़ा, वहीं चांदी 42% ऊपर है। वैश्विक स्तर पर चांदी $43.15 प्रति औंस (लगभग ₹1,34,000 प्रति किलोग्राम) पर ट्रेड कर रही है, जो 2011 के बाद का उच्चतम स्तर है। यह तेजी सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) जैसे औद्योगिक क्षेत्रों की मांग से प्रेरित है।
भारतीय शहरों में कीमतों का अवलोकन:
शहर | सोना (24 कैरेट, 10g) | चांदी (1kg) |
---|---|---|
दिल्ली | ₹1,16,200 | ₹1,34,500 |
मुंबई | ₹1,15,800 | ₹1,34,000 |
कोलकाता | ₹1,15,900 | ₹1,34,200 |
चेन्नई | ₹1,16,100 | ₹1,34,300 |
हैदराबाद | ₹1,15,700 | ₹1,33,900 |
ये दरें इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन मांग बढ़ने से ज्वेलर्स की दुकानों पर भीड़ देखी गई, लेकिन बढ़ती कीमतों ने कई खरीदारों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
तेजी के प्रमुख कारण: वैश्विक और घरेलू कारक
सोने-चांदी की इस उछाल के पीछे बहुआयामी कारण हैं। प्रथम, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां। फेड की हालिया ब्याज दर कटौती (0.25% की कमी) ने निवेशकों को कम ब्याज वाली संपत्तियों से दूर कर सुरक्षित हेवन की ओर मोड़ा। फेड चेयर जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों से डॉलर कमजोर हुआ, जो सोने के लिए सकारात्मक है।
दूसरा, भू-राजनीतिक तनाव। रूस-यूक्रेन संघर्ष के लंबे छाया और मध्य पूर्व में बढ़ते विवादों ने अनिश्चितता पैदा की। ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियों ने व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ाई, जिससे केंद्रीय बैंक सोना खरीदने को प्रेरित हुए। 2025 में केंद्रीय बैंक 900 टन सोना खरीद चुके हैं, जो मांग को 20% ऊपर ले गया।
तीसरा, चांदी के लिए औद्योगिक मांग। सिल्वर का 50% उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और EV में होता है। ग्लोबल सिल्वर डिमांड 1.20 बिलियन औंस पहुंच गई, जबकि सप्लाई 1.05 बिलियन औंस ही है – 150 मिलियन औंस का घाटा। भारत में त्योहारी मांग (दीवाली, धनतेरस) ने इसे और बढ़ाया।
चौथा, मुद्रास्फीति और करेंसी डिप्रीशिएशन। वैश्विक मुद्रास्फीति 3-4% पर बनी हुई है, जबकि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 5% कमजोर हुआ। इससे आयातित सोना महंगा हो गया। गोल्ड-सिल्वर रेशियो 86:1 पर है, जो ऐतिहासिक औसत 60-80 से ऊपर है – सिल्वर undervalued साबित हो रहा।
ये कारक मिलकर 2025 को ‘सुरक्षित संपत्ति वर्ष’ बना रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी सट्टेबाजी से अधिक मूलभूत है।
ऐतिहासिक संदर्भ: 2025 की तुलना में पिछली तेजियां
सोने की कीमतें 2020 के कोविड संकट में $2,000 प्रति औंस ($60,000 प्रति किलोग्राम) तक पहुंची थीं, लेकिन 2025 में $3,700 (₹1,12,000 प्रति 10g) का स्तर नया बेंचमार्क है। चांदी 2011 में $49.80 तक गई, लेकिन तब सट्टा निवेश मुख्य था; आज औद्योगिक डिमांड प्रमुख।
2024 में सोना 28% चढ़ा था, लेकिन 2025 में 36% की वृद्धि ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। चांदी की 42% तेजी गोल्ड को पीछे छोड़ रही। यह ट्रेंड एशियाई बाजारों (चीन, भारत) की मजबूत मांग से प्रेरित है।
निवेशकों पर प्रभाव: अवसर और सलाह
यह तेजी ज्वेलरी खरीदारों के लिए चुनौती है – नवरात्रि में गहने 20% महंगे। लेकिन निवेशक ‘बाय ऑन डिप्स’ रणनीति अपना सकते हैं। विशेषज्ञ सलाह:
- सोने के लिए: ₹1,11,800-1,11,180 सपोर्ट लेवल पर खरीदें, ₹1,12,800-1,13,300 रेजिस्टेंस। लक्ष्य ₹1,15,000।
- चांदी के लिए: ₹1,32,300-1,31,000 सपोर्ट, ₹1,34,500-1,36,000 रेजिस्टेंस। लक्ष्य ₹1,40,000।
विकल्प: गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) या MCX फ्यूचर्स। महिलाओं के लिए हॉलमार्क्ड ज्वेलरी चुनें। टैक्स लाभ: SGB पर 2.5% ब्याज। जोखिम: शॉर्ट-टर्म वोलेटिलिटी से बचें।
भविष्य का पूर्वानुमान: 2025-2030 में क्या होगा?
विशेषज्ञ पूर्वानुमान सकारात्मक हैं। जेपी मॉर्गन: सोना $3,700 प्रति औंस (₹1,15,000 प्रति 10g) तक। गोल्डमैन सैक्स: $3,700 तक। चांदी के लिए: $46-56 प्रति औंस (₹1,40,000-1,70,000 प्रति kg)। 2030 तक सोना $5,155 (₹1,60,000)।
कारक: फेड की आगे कटौती, केंद्रीय बैंक खरीदारी (2026 में 1,000 टन), और ग्रीन एनर्जी डिमांड। लेकिन मजबूत डॉलर या तनाव कम होने से सुधार संभव।
निष्कर्ष: सतर्क निवेश से लाभ उठाएं
23 सितंबर 2025 को सोने-चांदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर ने साबित किया कि ये धातुएं आर्थिक तूफानों में लंगर हैं। त्योहारी मांग और वैश्विक अनिश्चितताएं इस तेजी को बनाए रखेंगी, लेकिन विविधीकरण जरूरी। निवेशक लंबी अवधि पर फोकस करें – SIP in गोल्ड या सिल्वर ETF से शुरुआत करें। बाजार की निगरानी रखें, क्योंकि अगले फेड मीटिंग से नई दिशा मिल सकती है। सोना-चांदी न केवल धन हैं, बल्कि आर्थिक बुद्धिमत्ता का प्रतीक भी। स्मार्ट निर्णय लें, और समृद्धि का सफर जारी रखें।
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