Share Market: 3 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती के साथ सत्र का अंत किया, जिसमें BSE Sensex और NSE Nifty 50 ने उल्लेखनीय रैली दर्ज की। Sensex 409.83 अंक (0.51%) बढ़कर 80,567.71 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 50 135.45 अंक (0.55%) की बढ़त के साथ 24,715.05 पर पहुंचा। यह रैली मेटल स्टॉक्स में तेजी, GST सुधारों की उम्मीद, और मजबूत आर्थिक आंकड़ों से प्रेरित थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!शेयर बाजार रैली के प्रमुख कारण
भारतीय शेयर बाजार की इस मजबूती के पीछे कई कारक जिम्मेदार रहे:
- GST सुधारों की उम्मीद: GST काउंसिल की दो दिवसीय बैठक, जो 3 सितंबर 2025 को शुरू हुई, ने निवेशकों में उत्साह बढ़ाया। सरकार द्वारा प्रस्तावित 5% और 18% के दो-स्लैब ढांचे और सिन गुड्स के लिए 40% दर ने FMCG और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टर्स में आशावाद को बढ़ाया।
- मजबूत आर्थिक आंकड़े: भारत की Q1 FY26 GDP वृद्धि 7.8% रही, जो RBI के 6.5% अनुमान से अधिक थी। HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI अगस्त में 59.3 पर पहुंचा, जो आर्थिक मजबूती को दर्शाता है।
- मेटल स्टॉक्स में उछाल: कमजोर अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने मेटल स्टॉक्स, जैसे टाटा स्टील, JSW स्टील, और हिंदाल्को, को 3-6% तक बढ़ाया।
- वैश्विक संकेत: वैश्विक बाजारों में मिश्रित रुख के बावजूद, US-चीन व्यापार सौदे की सकारात्मक खबरों और भारत-पाकिस्तान सीजफायर की खबरों ने निवेशक विश्वास को बढ़ाया।
प्रमुख सेक्टर और स्टॉक्स का प्रदर्शन
- मेटल सेक्टर: Nifty Metal Index 1.3% बढ़कर 9,426 पर पहुंचा। टाटा स्टील, JSW स्टील, और हिंदाल्को शीर्ष प्रदर्शनकर्ता रहे।
- FMCG और डिफेंस: FMCG इंडेक्स 1% से अधिक बढ़ा, जिसमें ITC और Britannia जैसे स्टॉक्स ने मजबूती दिखाई। डिफेंस इंडेक्स भी 1% से अधिक उछला।
- ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स: Bajaj Auto, Hero MotoCorp, और Tata Motors ने 3-5% की बढ़त दर्ज की, जो GST कटौती की उम्मीदों से प्रेरित थी।
- आईटी और बैंकिंग: IT सेक्टर में मिश्रित प्रदर्शन रहा, जिसमें LTIMindtree 2.01% गिरा, जबकि Infosys स्थिर रहा। बैंकिंग स्टॉक्स में चुनिंदा लाभ बुकिंग देखी गई।
तकनीकी विश्लेषण और भविष्य की संभावनाएं
- Nifty 50: इंडेक्स ने 24,750 के प्रतिरोध स्तर का सामना किया, लेकिन 24,550 और 24,430 पर समर्थन मजबूत रहा। 24,734 से ऊपर टिकने पर बुलिश रिवर्सल की संभावना है, जबकि 24,600 के नीचे गिरावट गहरा सकती है।
- Sensex: 80,000 के ऊपर टिकने से बुलिश ट्रेंड की पुष्टि होती है, जिसमें 80,500 और 80,800 अगले लक्ष्य हो सकते हैं। 79,700 से नीचे गिरावट बेयरिश संकेत देगी।
- बैंक निफ्टी: 54,002.45 पर बंद हुआ, जो 200-दिवसीय EMA (53,500-53,600) के ऊपर है। 54,400-54,500 पर प्रतिरोध और 53,400 पर समर्थन है।
विश्लेषकों का मानना है कि 24,850 के ऊपर निर्णायक ब्रेकआउट Nifty को 25,200-25,500 की ओर ले जा सकता है, लेकिन वैश्विक व्यापार तनाव और FII बिकवाली दबाव डाल सकती है।
चुनौतियां और जोखिम
- वैश्विक व्यापार तनाव: US द्वारा प्रस्तावित 50% टैरिफ और रूसी क्रूड पर ड्यूटी ने निवेशक भावनाओं को प्रभावित किया, जिससे $45 बिलियन के भारतीय निर्यात पर जोखिम है।
- FII बिकवाली: FII ने सितंबर में ₹15,000 करोड़ की बिकवाली की, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी।
- USD/INR: रुपया 88.00 के करीब पहुंचा, जो निर्यात-उन्मुख कंपनियों के लिए चिंता का विषय है।
निष्कर्ष
3 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने GST सुधारों की उम्मीद, मजबूत आर्थिक आंकड़ों, और मेटल स्टॉक्स की रैली के दम पर मजबूती दिखाई। Nifty 50 और Sensex ने सकारात्मक रुख बनाए रखा, लेकिन वैश्विक व्यापार तनाव और FII बिकवाली भविष्य में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं। निवेशकों को FMCG, ऑटो, और मेटल जैसे सेक्टर्स पर नजर रखनी चाहिए, जो GST सुधारों और आर्थिक वृद्धि से लाभान्वित हो सकते हैं। तकनीकी रूप से, 24,850 और 80,500 के स्तर महत्वपूर्ण होंगे।
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