देवरिया रेलवे स्टेशन पर हंगामा: किन्नरों ने RPF इंस्पेक्टर पर किया हमला!

देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया सदर रेलवे स्टेशन पर रविवार, 31 अगस्त 2025 की देर रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। इस घटना में किन्नरों के एक समूह ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के इंस्पेक्टर आस मोहम्मद पर हमला कर दिया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब यात्रियों ने किन्नरों द्वारा कथित तौर पर की जा रही अवैध वसूली की शिकायत RPF से की।

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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें किन्नरों को इंस्पेक्टर को लाठी-डंडों और कूड़ेदान से दौड़ा-दौड़ाकर पीटते हुए देखा जा सकता है। यह लेख इस घटना के सभी पहलुओं, इसके कारणों, परिणामों, और पुलिस की कार्रवाई पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, साथ ही यह भी विश्लेषण करता है कि ऐसी घटनाएं रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर क्या सवाल उठाती हैं।


देवरिया घटना का विवरण

पृष्ठभूमि

देवरिया सदर रेलवे स्टेशन पर रविवार देर रात, लगभग 11 बजे, यात्रियों ने RPF को शिकायत की कि कुछ किन्नर ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर यात्रियों से जबरन पैसे वसूल रहे थे। यह वसूली न केवल परेशान करने वाली थी, बल्कि कई यात्रियों ने इसे उत्पीड़न के रूप में भी बताया। शिकायत मिलने के बाद, RPF इंस्पेक्टर आस मोहम्मद, जो उस समय सादे कपड़ों में थे, तुरंत प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर पहुंचे और किन्नरों को इस गतिविधि को रोकने की चेतावनी दी।

विवाद का बढ़ना

इंस्पेक्टर ने किन्नरों को यात्रियों को परेशान न करने और अवैध वसूली बंद करने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि यह व्यवहार जारी रहा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, किन्नरों ने इस चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया और इंस्पेक्टर से बहस शुरू कर दी। देखते ही देखते, यह बहस हिंसक रूप लेने लगी। कई अन्य किन्नर मौके पर इकट्ठा हो गए और उन्होंने इंस्पेक्टर पर हमला बोल दिया।

हमले का दृश्य

वायरल वीडियो में साफ दिखाई देता है कि किन्नर लाठी, डंडे, कुर्सियां, और यहां तक कि प्लास्टिक के कूड़ेदान का उपयोग करके इंस्पेक्टर आस मोहम्मद को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं। इस दौरान इंस्पेक्टर अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए RPF चौकी की ओर दौड़े। कुछ यात्रियों और स्टेशन पर मौजूद वेंडरों ने इंस्पेक्टर को बचाने की कोशिश की, लेकिन किन्नरों ने उन पर भी हमला कर दिया। इस हंगामे से स्टेशन पर करीब 30 मिनट तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। किन्नरों ने इंस्पेक्टर का मोबाइल भी छीन लिया और उसे तोड़ दिया, साथ ही RPF कार्यालय में तोड़फोड़ भी की।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) और RPF की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो किन्नरों, साहिल और चांद, को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ आपराधिक साजिश, हमला, और सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। अन्य पांच किन्नरों की तलाश के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जो अभी फरार हैं। RPF के सहायक सुरक्षा आयुक्त मुकेश पवार ने बताया कि यह कार्रवाई यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थी, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।


वायरल वीडियो और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

घटना का वीडियो स्टेशन पर मौजूद कुछ यात्रियों द्वारा रिकॉर्ड किया गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। X पर कई यूजर्स ने इस घटना को किन्नरों की “गुंडई” करार दिया और रेलवे प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की। एक यूजर, @AnubhawMani, ने लिखा, “देवरिया रेलवे स्टेशन पर किन्नरों ने जमकर बवाल मचाया। यात्रियों से अवैध वसूली का विरोध करने पर RPF इंस्पेक्टर पर हमला किया गया।” इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है, जिसने रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था और किन्नरों द्वारा अवैध वसूली की पुरानी समस्या को फिर से उजागर किया है।

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने किन्नरों के व्यवहार की निंदा की, जबकि अन्य ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की घटनाएं सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से जुड़ी हो सकती हैं। एक यूजर ने टिप्पणी की कि किन्नर समुदाय को वैकल्पिक रोजगार के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाएं कम हो सकें। यह बहस रेलवे स्टेशनों पर किन्नरों की गतिविधियों को नियंत्रित करने की चुनौती को रेखांकित करती है।


रेलवे स्टेशनों पर किन्नरों की अवैध वसूली: एक पुरानी समस्या

किन्नरों द्वारा ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों से जबरन वसूली की समस्या नई नहीं है। पूरे भारत में, विशेष रूप से उत्तर भारत में, यह एक आम शिकायत रही है। यात्री अक्सर किन्नरों के आक्रामक व्यवहार और जबरदस्ती से परेशान रहते हैं। इस मामले में, RPF इंस्पेक्टर आस मोहम्मद ने बताया कि यात्रियों की शिकायतें मिलने के बाद वे तुरंत कार्रवाई के लिए पहुंचे थे, लेकिन किन्नरों ने उनकी बात मानने के बजाय हिंसक प्रतिक्रिया दी।

यह घटना रेलवे प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती पेश करती है: कैसे किन्नर समुदाय की आजीविका की जरूरतों और यात्रियों की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि किन्नरों के लिए वैकल्पिक रोजगार और सामाजिक समावेशन की पहल इस समस्या को कम करने में मदद कर सकती है।


रेलवे सुरक्षा पर सवाल

यह घटना रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। अगर एक RPF इंस्पेक्टर पर ही हमला हो सकता है, तो आम यात्रियों की सुरक्षा का क्या? इस घटना ने रेलवे प्रशासन और GRP की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। विशेष रूप से, यह तथ्य कि इंस्पेक्टर सादे कपड़ों में थे और उनकी मदद के लिए तुरंत अतिरिक्त बल नहीं पहुंचा, सुरक्षा प्रोटोकॉल में कमी को दर्शाता है।

रेल मंत्रालय और उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस घटना पर त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन यह स्पष्ट है कि रेलवे स्टेशनों पर नियमित निगरानी और सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है। कुछ सुझावों में शामिल हैं:

  • CCTV निगरानी में सुधार: स्टेशनों पर अधिक और बेहतर गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए जाएं।
  • RPF की तैनाती बढ़ाना: रात के समय प्लेटफॉर्म पर अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती।
  • यात्री जागरूकता अभियान: यात्रियों को शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और प्रक्रिया की जानकारी देना।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

RPF और GRP ने संयुक्त रूप से इस मामले की जांच शुरू की है। दो किन्नरों की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी कर रही है। RPF के सहायक सुरक्षा आयुक्त मुकेश पवार ने कहा, “हम यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं, और हम इसे रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।”

उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और स्थानीय प्रशासन को स्टेशन पर नियमित गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।


निष्कर्ष

देवरिया रेलवे स्टेशन पर किन्नरों द्वारा RPF इंस्पेक्टर पर हमला एक गंभीर घटना है, जो रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा और अवैध वसूली की समस्या को उजागर करती है। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को बल्कि पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर किया है कि यात्रियों की सुरक्षा और किन्नर समुदाय की आजीविका के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को और व्यापक चर्चा का विषय बना दिया है।

रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह इस घटना से सबक ले और स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करे। साथ ही, किन्नर समुदाय के लिए सामाजिक और आर्थिक समावेशन की दिशा में कदम उठाए जाएं ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। क्या यह घटना रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए नए नियमों की शुरुआत करेगी? यह समय बताएगा, लेकिन फिलहाल यह घटना हमें यात्रियों की सुरक्षा और सामाजिक समस्याओं पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करती है।

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