Indian Cricket के दिग्गज ऑलराउंडर अमित मिश्रा ने संन्यास की घोषणा की

Indian Cricket: 4 सितंबर 2025 को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक युग का अंत हुआ, जब दिग्गज लेग-स्पिनर अमित मिश्रा ने सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। 42 वर्षीय मिश्रा ने अपने 25 साल के शानदार करियर में न केवल भारतीय क्रिकेट को कई यादगार पल दिए, बल्कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। बार-बार की चोटों और युवा खिलाड़ियों को अवसर देने की इच्छा ने उन्हें यह कठिन निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।

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प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत

24 नवंबर 1982 को दिल्ली में जन्मे अमित मिश्रा ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में की। 2000-01 सत्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने वाले मिश्रा ने अपनी लेग-स्पिन और छुपी हुई गूगली से जल्द ही सभी का ध्यान आकर्षित किया। उनकी गेंदबाजी में उड़ान, सटीकता और विविधता थी, जिसने उन्हें जल्द ही राष्ट्रीय टीम के रडार पर ला दिया। 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट टीम में चुने गए मिश्रा को हालांकि डेब्यू के लिए 2008 तक इंतजार करना पड़ा।

अंतरराष्ट्रीय करियर: एक शानदार शुरुआत

अमित मिश्रा ने 2003 में बांग्लादेश में एक ODI त्रिकोणीय सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। लेकिन उनकी असली पहचान तब बनी, जब 2008 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू पर उन्होंने पहली पारी में 5/71 और दूसरी पारी में 2/35 के आंकड़े दर्ज किए। इस प्रदर्शन ने उन्हें छठे भारतीय गेंदबाज के रूप में टेस्ट डेब्यू पर पांच विकेट लेने का गौरव दिलाया।

मिश्रा ने 22 टेस्ट, 36 ODI और 10 टी20I में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने क्रमशः 76, 64 और 16 विकेट लिए। उनकी सबसे यादगार प्रदर्शन में से एक 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच मैचों की ODI सीरीज में 18 विकेट लेना था, जिसने उन्हें जवागल श्रीनाथ के साथ द्विपक्षीय ODI सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड दिलाया।

2014 के टी20 विश्व कप में बांग्लादेश में मिश्रा ने 10 विकेट लिए, जिसमें पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ मैन ऑफ द मैच पुरस्कार शामिल थे। वह 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी विजेता भारतीय टीम का भी हिस्सा थे। हालांकि, रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे स्पिनरों की मौजूदगी ने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को सीमित किया।

आईपीएल में एक अनूठा रिकॉर्ड

अमित मिश्रा का आईपीएल करियर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने 162 मैचों में 174 विकेट लिए, जो उन्हें टूर्नामेंट के सातवें सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बनाता है। उनका सबसे बड़ा रिकॉर्ड तीन हैट्रिक लेना है, जो आईपीएल इतिहास में किसी भी गेंदबाज द्वारा अनूठा है। ये हैट्रिक उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स (2008), किंग्स इलेवन पंजाब (2011), और सनराइजर्स हैदराबाद (2013) के लिए लीं।

मिश्रा ने दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स), डेक्कन चार्जर्स, सनराइजर्स हैदराबाद, और लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेला। उनकी अंतिम आईपीएल उपस्थिति 2024 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ थी, जहां उन्होंने 1/20 के आंकड़े दर्ज किए।

संन्यास का निर्णय

अमित मिश्रा ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा, “ये 25 साल मेरे जीवन के अविस्मरणीय रहे हैं। मैं बीसीसीआई, हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन, सहयोगी स्टाफ, मेरे साथियों और मेरे परिवार के प्रति हृदय से आभारी हूँ। मैं उन प्रशंसकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिनके प्यार और समर्थन ने इस यात्रा को यादगार बनाया। क्रिकेट ने मुझे अनगिनत यादें और अनमोल सीख दी हैं, और मैदान पर हर पल मेरे लिए एक खजाना है।”

उन्होंने बार-बार की चोटों और युवा खिलाड़ियों को अवसर देने की इच्छा को अपने संन्यास का कारण बताया। मिश्रा ने यह भी व्यक्त किया कि वह कोचिंग, कमेंट्री और युवा क्रिकेटरों को मार्गदर्शन के माध्यम से क्रिकेट से जुड़े रहेंगे। इसके अलावा, वह सोशल मीडिया और यूट्यूब के माध्यम से प्रशंसकों के साथ संवाद करेंगे।

घरेलू क्रिकेट में योगदान

हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में मिश्रा का प्रदर्शन असाधारण रहा। उन्होंने 152 प्रथम श्रेणी मैचों में 535 विकेट लिए, जो उनकी निरंतरता और कौशल को दर्शाता है। 152 लिस्ट-ए मैचों में 252 विकेट और 259 टी20 मैचों में 285 विकेट उनके ऑलराउंड प्रभाव को दर्शाते हैं।

चुनौतियाँ और प्रेरणा

मिश्रा का करियर हमेशा आसान नहीं रहा। अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे दिग्गज स्पिनरों की मौजूदगी ने उनके लिए राष्ट्रीय टीम में नियमित स्थान बनाना मुश्किल किया। इसके बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी फिटनेस, बल्लेबाजी और गेंदबाजी में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, “कभी-कभी आप टीम में होते हैं, कभी बाहर। यह निराशाजनक होता है, लेकिन मैंने हमेशा सकारात्मक रहने की कोशिश की। मैंने सोचा कि मैं अपनी फिटनेस, बल्लेबाजी या गेंदबाजी में क्या सुधार कर सकता हूँ।”

भविष्य की योजनाएँ

संन्यास के बाद, मिश्रा क्रिकेट से जुड़े रहने के लिए उत्साहित हैं। वह कोचिंग और कमेंट्री के माध्यम से खेल में योगदान देना चाहते हैं। इसके अलावा, वह युवा क्रिकेटरों को मार्गदर्शन देकर अगली पीढ़ी को तैयार करने में मदद करेंगे। उनकी यूट्यूब और सोशल मीडिया उपस्थिति प्रशंसकों को उनके अनुभवों और विचारों से जोड़े रखेगी।

प्रशंसकों और क्रिकेट बिरादरी की प्रतिक्रिया

मिश्रा के संन्यास की घोषणा के बाद, सोशल मीडिया पर प्रशंसकों और क्रिकेट बिरादरी ने उनकी उपलब्धियों की सराहना की। बीसीसीआई ने भी उनके योगदान को स्वीकार करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। उनके तीन आईपीएल हैट्रिक और जिम्बाब्वे के खिलाफ रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन को प्रशंसकों ने विशेष रूप से याद किया।

निष्कर्ष

अमित मिश्रा का क्रिकेट करियर कठिनाइयों, समर्पण और उपलब्धियों की कहानी है। एक लेग-स्पिनर के रूप में, उन्होंने अपनी विविधताओं और नियंत्रण से बल्लेबाजों को परेशान किया। आईपीएल में उनकी हैट्रिक की तिकड़ी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके योगदान ने उन्हें एक दिग्गज के रूप में स्थापित किया। जैसे-जैसे वह अपने करियर के इस अध्याय को बंद करते हैं, क्रिकेट प्रशंसक उनकी यादों को संजोएंगे और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ देंगे। अमित मिश्रा, भारतीय क्रिकेट के एक सच्चे नायक, हमेशा अपने प्रशंसकों के दिलों में रहेंगे।

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