बाजार में उत्साह: GST और अमेरिका की नीतियों से बढ़ सकते हैं शेयर

GST: 2025 में भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार इसका कारण है सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों में कटौती और अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद। ये दोनों कारक भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार के लिए सकारात्मक संकेत दे रहे हैं।

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GST कटौती: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बूस्टर

जीएसटी सुधारों का अवलोकन

जीएसटी परिषद की हालिया बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में कर दरों में परिवर्तनकारी कटौती की गई, जिसे “GST 2.0” के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। इस सुधार के तहत, उपभोक्ता उत्पादों पर टैक्स स्लैब में कमी की गई है, जिसमें 5% और 18% के स्लैब को और सरल बनाया गया है। विशेष रूप से, जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी को हटा दिया गया है, और वाहनों के थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसके अलावा, कई FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) उत्पादों पर टैक्स दरें कम की गई हैं, जो 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य मध्यम वर्ग को राहत देना और उपभोक्ता खपत को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी सुधार शेयर बाजार को उत्साहित करने के लिए नहीं, बल्कि आम जनता को लाभ पहुँचाने के लिए किए गए हैं। फिर भी, बाजार ने इन सुधारों को सकारात्मक रूप से लिया है, क्योंकि यह उपभोक्ता मांग को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को गति देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

शेयर बाजार पर प्रभाव

GST कटौती का सबसे अधिक लाभ ऑटो, FMCG, और इंश्योरेंस सेक्टर्स को हुआ है। गुरुवार, 4 सितंबर 2025 को, सेंसेक्स 81000 के पार खुला, और निफ्टी 150 अंकों की उछाल के साथ 24,980.75 पर कारोबार शुरू किया। ऑटो सेक्टर में, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयरों में 7.1% की तेजी देखी गई, जबकि बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व जैसे फाइनेंशियल स्टॉक्स में भी 3-5% की वृद्धि दर्ज की गई। मिडकैप कंपनियों में एस्कॉर्ट्स (8.87%) और पॉलिसी बाजार (4.66%) जैसे शेयरों ने भी शानदार प्रदर्शन किया।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अपेक्षित तेजी उतनी नहीं दिखी जितनी उम्मीद थी। पिछले दो महीनों में विदेशी निवेशकों ने 60,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जिसने बाजार की गति को प्रभावित किया है। फिर भी, जीएसटी कटौती से उपभोक्ता मांग में वृद्धि की उम्मीद है, जो अगले 3-4 तिमाहियों में कॉरपोरेट आय को बढ़ा सकती है।

अमेरिका में ब्याज दर कटौती की उम्मीद

फेडरल रिजर्व की नीति और वैश्विक प्रभाव

अमेरिका में फेडरल रिजर्व की 16-17 सितंबर 2025 की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने वैश्विक बाजारों में उत्साह बढ़ाया है। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने अगस्त 2025 में जैक्सन होल में संकेत दिया था कि श्रम बाजार में मंदी और मुद्रास्फीति के 2% लक्ष्य की ओर बढ़ने के कारण दरों में कमी संभव है। गैर-कृषि क्षेत्र के वेतनभोगी आंकड़े (नॉन-फार्म पेरोल) और उपभोक्ता मुद्रास्फीति जैसे आंकड़े इस निर्णय को प्रभावित करेंगे।

अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती से वैश्विक बाजारों में तरलता बढ़ेगी, जिसका लाभ उभरते बाजारों जैसे भारत को मिलेगा। कम ब्याज दरें जोखिम-संचालित परिसंपत्तियों में निवेश को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) भारत में बढ़ सकता है। मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान लगाया है कि 2025 में भारतीय शेयर बाजार दुनिया के उभरते बाजारों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा, और सेंसेक्स में 18% की वृद्धि हो सकती है।

भारतीय बाजार पर प्रभाव

अमेरिकी ब्याज दर कटौती की उम्मीद ने पहले ही भारतीय बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया है। 5 सितंबर 2025 को, अमेरिकी शेयर सूचकांक वायदा में तेजी देखी गई, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। सेंसेक्स और निफ्टी ने हरे निशान में कारोबार किया, विशेष रूप से ऑटो, आईटी, और PSU बैंक शेयरों में खरीदारी देखी गई। निफ्टी 24,786.30 पर और सेंसेक्स 80,858.73 पर कारोबार कर रहे थे।

हालांकि, कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी टैरिफ नीतियों, विशेष रूप से भारत के निर्यात (जैसे कपड़ा, चमड़ा, और रत्न-आभूषण) पर 50% तक टैरिफ की संभावना, बाजार की तेजी को सीमित कर सकती है। फिर भी, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर सकारात्मक खबरें बाजार की धारणा को और मजबूत कर सकती हैं।

प्रमुख सेक्टर्स पर प्रभाव

1. ऑटो सेक्टर

जीएसटी कटौती और उपभोक्ता मांग में वृद्धि की उम्मीद से ऑटो सेक्टर में तेजी देखी जा रही है। निफ्टी ऑटो इंडेक्स 2% से अधिक उछला, जिसमें M&M और आयशर मोटर्स जैसे शेयर टॉप गेनर्स रहे।

2. FMCG

FMCG सेक्टर को जीएसटी कटौती का सीधा लाभ मिला है, क्योंकि उपभोक्ता उत्पादों पर कम कर दरों से मांग बढ़ने की उम्मीद है। ITC और HUL जैसे शेयरों में 2-2.3% की तेजी देखी गई।

3. इंश्योरेंस

जीएसटी सुधारों के तहत बीमा पॉलिसियों पर कर छूट ने HDFC लाइफ, ICICI प्रूडेंशियल, और ICICI लोम्बार्ड जैसे शेयरों में 2-3% की वृद्धि दर्ज की। हालांकि, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर अनिश्चितता के कारण प्रीमियम में वृद्धि की आशंका है।

4. आईटी और बैंकिंग

अमेरिकी ब्याज दर कटौती से आईटी सेक्टर में सकारात्मक खबरें हैं, क्योंकि कम दरें वैश्विक तकनीकी खर्च को बढ़ा सकती हैं। बैंकिंग सेक्टर में भी वैल्यूएशन अभी उचित स्तर पर है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।

निवेशकों के लिए रणनीति

विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशकों को कंजम्पशन, ऑटो, और बैंकिंग सेक्टर्स पर ध्यान देना चाहिए। वैशाली पारेख, पीएल कैपिटल की टेक्निकल रिसर्च उपाध्यक्ष, ने कहा कि निफ्टी को 24,800 के स्तर से ऊपर एक निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है, ताकि व्यापक बाजार समर्थन के साथ तेजी की गति बनी रहे। 24,500 का स्तर महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र है।

पुनीत सिंघानिया, मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक, ने सुझाव दिया कि जीएसटी कटौती से क्षेत्रीय स्तर पर तेजी की संभावना है, जो मुनाफावसूली की नकारात्मक धारणा को कम कर सकती है। निवेशकों को मॉडरेट रिटर्न की उम्मीद रखनी चाहिए और दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान देना चाहिए।

निष्कर्ष

जीएसटी कटौती और अमेरिका में ब्याज दर कटौती की उम्मीद ने भारतीय शेयर बाजार में नई जान फूंक दी है। ऑटो, FMCG, और इंश्योरेंस जैसे सेक्टर्स इस तेजी के प्रमुख लाभार्थी हैं। हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितताएँ, जैसे अमेरिकी टैरिफ नीतियाँ, बाजार की गति को प्रभावित कर सकती हैं। निवेशकों को सतर्क रहते हुए कंजम्पशन और वित्तीय सेक्टर्स पर दांव लगाना चाहिए। यह लेख नवीनतम जानकारी और विशेषज्ञ विश्लेषण पर आधारित है, जो निवेशकों और पाठकों को सूचित निर्णय लेने में मदद करेगा।

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