GST 2.0 : – 22 सितंबर 2025 को नवरात्रि के शुभ अवसर पर भारत सरकार ने ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की भव्य शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी 2.0 के रूप में नेक्स्ट जनरेशन टैक्स रिफॉर्म्स की घोषणा की, जो चार स्लैब वाली जटिल जीएसटी व्यवस्था को सरल दो स्लैब (5% और 18%) में बदल देती है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यह GST कदम न केवल उपभोक्ताओं को ₹2.5 लाख करोड़ की सालाना बचत दिलाएगा, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ को मजबूत बनाकर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा। 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के निर्णयों को लागू करते हुए सरकार ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी राहत दी, जिससे मोबाइल, कारें, टीवी, दूध और ब्रेड जैसी चीजें सस्ती हो गईं।
इस क्रांतिकारी GST सुधार के प्रमुख आयामों पर विस्तार से चर्चा करें।
जीएसटी बचत उत्सव का ऐलान: प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन और प्रमुख बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश यात्रा के दौरान राष्ट्र को संबोधित किया, जहां उन्होंने जीएसटी 2.0 को ‘आत्मनिर्भर भारत का ब्लूप्रिंट’ बताया। उन्होंने कहा, “नवरात्रि के पहले दिन से शुरू हो रहा जीएसटी बचत उत्सव स्वदेशी उत्पादों को नई ऊर्जा देगा। ये जीएसटी सुधार मिडिल क्लास के लिए दोहरा लाभ लाएंगे – सस्ते उत्पाद और बढ़ती खरीदारी शक्ति।” संबोधन की 10 प्रमुख बातें:
- दो जीएसटी स्लैब: पुरानी चार जीएसटी स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर 5% और 18% कर दिया गया। शराब, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग पर 40% सिन टैक्स।
- ₹2.5 लाख करोड़ बचत: सालाना उपभोक्ताओं को जीएसटी से इतनी राहत, जो महंगाई पर अंकुश लगाएगी।
- स्वदेशी प्रोत्साहन: घरेलू विनिर्माण को जीएसटी के जरिए बढ़ावा, आयात पर निर्भरता कम।
- अनुपालन सरलीकरण: व्यापारियों के लिए जीएसटी ई-इनवॉइसिंग आसान, अनुपालन लागत 30% घटी।
- कृषि-स्वास्थ्य राहत: दूध, ब्रेड, फल-सब्जियां जीएसटी फ्री।
- मिडिल क्लास फोकस: दैनिक वस्तुओं पर जीएसटी कटौती से 15% तक कीमत कम।
- राज्य सरकारों से अपील: जीएसटी सुधारों के साथ स्वदेशी नीतियां अपनाएं।
- विकास गाथा: ये जीएसटी सुधार भारत को चीन से आगे ले जाएंगे।
- व्यवहारिक अर्थशास्त्र: जीएसटी से खपत पैटर्न बदलकर घरेलू उत्पादन बढ़ेगा।
- नवरात्रि संदेश: जीएसटी बचत उत्सव के साथ स्वदेशी का संकल्प लें।
यह संबोधन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जहां #GSTBachatUtsav ट्रेंडिंग रहा। विपक्ष ने सवाल उठाए, लेकिन विशेषज्ञों ने इसे ऐतिहासिक बताया।
जीएसटी 2.0 के प्रमुख सुधार: दो स्लैब और टैक्स राहतों का जादू
जीएसटी 2.0 ने टैक्स संरचना को सरल बनाया, जहां 0% जीएसटी स्लैब आवश्यक वस्तुओं के लिए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “ये जीएसटी बदलाव उपभोक्ता, व्यापारी और अर्थव्यवस्था तीनों के लिए लाभदायक हैं।” 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में फैसले लिए गए, जो 22 सितंबर से लागू हैं।
नीचे नई और पुरानी जीएसटी दरों की तुलना तालिका में दी गई है:
उत्पाद श्रेणी | पुरानी जीएसटी दर (%) | नई जीएसटी दर (%) | अनुमानित बचत (प्रति यूनिट) |
---|---|---|---|
ब्रेड (रोटी, पराठा, पिज्जा ब्रेड) | 5-18 | 0 | ₹5-10 प्रति पैक |
दूध/डेयरी उत्पाद (UHT दूध, पनीर) | 5-12 | 0 | ₹2-5 प्रति लीटर |
मोबाइल फोन | 18 | 5 | ₹500-1000 प्रति फोन |
टीवी/AC | 28 | 18 | ₹2000-5000 प्रति यूनिट |
कार/बाइक | 28 | 18 | ₹20,000-50,000 प्रति वाहन |
सोना/ज्वेलरी | 3 | 0 | ₹300-500 प्रति 10g |
साबुन/शैंपू/टूथपेस्ट | 18 | 5 | ₹10-20 प्रति आइटम |
बिस्किट/नूडल्स/कॉफी | 18 | 5 | ₹5-15 प्रति पैक |
कपड़े (₹2500 तक) | 12 | 5 | ₹50-100 प्रति आइटम |
इंश्योरेंस | 18 | 0 | ₹500-1000 प्रति पॉलिसी |
ये जीएसटी बदलाव FMCG कंपनियों को बड़ा फायदा देंगे, जो कीमतें कम कर बिक्री बढ़ा सकेंगी। सरकार ने उद्योगों से अपील की कि जीएसटी लाभ ग्राहकों तक पहुंचे।
ग्राहकों पर प्रभाव: मिडिल क्लास की जेब में असली बचत
जीएसटी बचत उत्सव से रोजमर्रा की खरीदारी सस्ती हो गई। एक औसत परिवार (4 सदस्य) को सालाना ₹15,000-20,000 की जीएसटी बचत होगी। त्योहारी सीजन में अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सेल के साथ यह और बढ़ेगा। उदाहरण: एक 55 इंच टीवी पर ₹4,000 की जीएसटी बचत, या TVS Ronin बाइक पर ₹10,000। महिंद्रा कारों पर जीएसटी 28% से 18% होने से ₹30,000 तक राहत।
मिडिल क्लास के लिए यह ‘दोहरा लाभ’ है – सस्ते उत्पाद और बढ़ती क्रय शक्ति। ग्रामीण क्षेत्रों में दूध-ब्रेड पर जीएसटी फ्री से कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। हालांकि, लग्जरी गुड्स पर 40% जीएसटी से उच्च आय वर्ग प्रभावित हो सकता है।
आर्थिक प्रभाव: आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बूस्ट
जीएसटी 2.0 से अनुपालन आसान होगा, जिससे व्यापारियों की लागत 30% घटी। सरकार को जीएसटी से ₹48,000 करोड़ का राजस्व लाभ, लेकिन उपभोक्ता खपत बढ़ने से GDP 1-1.5% ऊपर जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीएसटी सुधार भारत को चीन से आगे ले जाएगा, खासकर विनिर्माण और कृषि में। ड्रिश्टी आईएएस रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों को जीएसटी प्रोत्साहन से रोजगार बढ़ेगा।
विपक्ष की आलोचना: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूछा, “पिछले आठ साल की जीएसटी वसूली का क्या?” लेकिन अर्थशास्त्री इसे ‘व्यवहारिक अर्थशास्त्र’ का उदाहरण मान रहे हैं।
विशेषज्ञ विश्लेषण: क्या होगा भविष्य का ट्रेंड?
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, जीएसटी 2.0 से खपत पैटर्न बदलेंगे, घरेलू उत्पादन 20% बढ़ेगा। जागरण जोश रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रेड जैसी बुनियादी वस्तुओं पर 0% जीएसटी से गरीबी रेखा के नीचे परिवारों को राहत। भविष्य में ई-कॉमर्स पर जीएसटी फोकस बढ़ेगा, जहां ट्रांसफर प्राइसिंग सुनिश्चित होगी।
निष्कर्ष: बचत का उत्सव, समृद्धि का संकल्प
जीएसटी बचत उत्सव 2025 ने जीएसटी व्यवस्था को ग्राहक-केंद्रित बना दिया। जीएसटी 2.0 से न केवल कीमतें घटीं, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता का नया अध्याय शुरू हुआ। प्रधानमंत्री मोदी की अपील सही है – नवरात्रि के साथ स्वदेशी का संकल्प लें। उपभोक्ताओं से सलाह: नई जीएसटी दरों का लाभ लें, लेकिन स्मार्ट खरीदारी करें। यह जीएसटी उत्सव न केवल बचत का, बल्कि विकसित भारत का प्रतीक है। जय हिंद!
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