गोरखनाथ मंदिर में नवरात्रि उत्सव : गोरखनाथ मंदिर: शक्ति की साधना का केंद्र, जहां योगी आदित्यनाथ ने प्रज्वलित की नवरात्रि की ज्योति
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!उत्तर प्रदेश का गोरखपुर शहर, जो नाथ संप्रदाय की साधना स्थली के रूप में विख्यात है, 22 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि के रंगों से सराबोर हो गया। गोरखनाथ मंदिर के गोरक्षपीठ में भव्य कलश स्थापना के साथ नौ (इस बार दस) दिवसीय उत्सव का शुभारंभ हुआ।
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं शक्ति पीठ में कलश स्थापित कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा-अर्चना की। यह परंपरा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक एकता और लोक कल्याण का प्रतीक भी है।
नवरात्रि 2025 का विशेष संयोग: 10 दिनों का विस्तार और गज पर मां का आगमन
शारदीय नवरात्रि का आरंभ आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से होता है, जो इस वर्ष सोमवार, 22 सितंबर को शुरू हुआ। खगोलीय गणना के अनुसार, तृतीया तिथि के वृद्धि के कारण यह उत्सव 10 दिनों का हो गया है, जो दुर्लभ और शुभ माना जाता है। मां दुर्गा का आगमन गज (हाथी) पर हो रहा है, जो सुख, शांति और राजकीय यश का संकेत देता है। गोरखनाथ मंदिर में यह संयोग उत्साह को दोगुना कर रहा है, क्योंकि पीठ की परंपरा शक्ति उपासना और नाथ साधना का अनूठा संगम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो गोरक्षपीठ के महंत हैं, ने इस अवसर पर कहा, “मां दुर्गा की कृपा से प्रदेश में शांति और समृद्धि का वातावरण बनेगा।” उत्सव का समापन 1 अक्टूबर को महानवमी और 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ होगा, जिसमें भव्य शोभायात्रा प्रमुख होगी।
कलश स्थापना: वैदिक अनुष्ठानों का भव्य प्रदर्शन
नवरात्रि का प्रारंभ कलश स्थापना से होता है, जो देवी के आगमन का प्रतीक है। गोरखनाथ मंदिर में यह अनुष्ठान शक्ति पीठ में संपन्न हुआ। सुबह से ही मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चारण गूंजने लगा। मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें संत, योगी, वैदिक छात्र और भक्त शामिल हुए। यात्रा में त्रिशूल, कलश और मां दुर्गा के प्रतीक चिह्नों की स्थापना की गई।
सीएम योगी ने स्वयं जल से भरा कलश शक्ति पीठ तक पहुंचाया। वरुण देव के आह्वान के साथ कलश स्थापित किया गया। इसके बाद मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के त्रिशूल की पूजा की गई। गौरी-गणेश पूजन के साथ अनुष्ठान संपन्न हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में योगी जी को आरती उतारते देखा गया, जो भक्तों के लिए प्रेरणा स्रोत है। यह दृश्य न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक था, जहां हजारों भक्त जुटे।
मां शैलपुत्री की पूजा: नवरात्रि के प्रथम दिवस का सार
प्रथम दिन मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है, जो हिमालय की पुत्री हैं और वाहन नंदी पर सवार रहती हैं। गोरखनाथ मंदिर में उनकी पूजा सफेद वस्त्र, बिल्वपत्र और दूध-दही से की गई। मंत्रोच्चार: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का जाप हुआ। योगी आदित्यनाथ ने पूजा के बाद भक्तों को आशीर्वाद दिया, जो लोक कल्याण की कामना से जुड़ा था।
यह पूजा शक्ति प्राप्ति का प्रतीक है, जो नाथ परंपरा में विशेष महत्व रखती है। गुरु गोरखनाथ की साधना शक्ति उपासना से जुड़ी होने से यह उत्सव पीठ की पहचान को मजबूत करता है।
गोरखनाथ मंदिर में नवरात्रि उत्सव का कार्यक्रम कैलेंडर
गोरक्षपीठ में नवरात्रि के प्रत्येक दिन विशेष अनुष्ठान होंगे। नीचे तालिका में संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
दिन | तिथि (2025) | दुर्गा स्वरूप | प्रमुख अनुष्ठान |
---|---|---|---|
1 | 22 सितंबर (सोमवार) | मां शैलपुत्री | कलश स्थापना, शोभायात्रा, आरती |
2 | 23 सितंबर (मंगलवार) | मां ब्रह्मचारिणी | दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन |
3 | 24 सितंबर (बुधवार) | मां चंद्रघंटा | तृतीया वृद्धि पूजा, संध्या आरती |
4 | 25 सितंबर (गुरुवार) | मां चंद्रघंटा | दोहराव पूजा, भजन संध्या |
5 | 26 सितंबर (शुक्रवार) | मां कूष्मांडा | फलाहार वितरण, मधु अर्पण |
6 | 27 सितंबर (शनिवार) | मां स्कंदमाता | संतान प्राप्ति पूजा, जागरण |
7 | 28 सितंबर (रविवार) | मां कात्यायनी | विवाह सुख आरती, बिल्वपत्र चढ़ावा |
8 | 29 सितंबर (सोमवार) | मां महागौरी | महानिशा पूजा, हवन |
9 | 30 सितंबर (मंगलवार) | मां सिद्धिदात्री | कन्या पूजन, प्रसाद वितरण |
10 | 1 अक्टूबर (बुधवार) | महानवमी | संध्या पूजा, हवन |
अष्टमी पर महानिशा पूजा, नवमी पर कन्या पूजन और दशमी पर विजयादशमी शोभायात्रा होगी। प्रत्येक शाम 4-6 बजे देवी भागवत और दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा।
जनता दर्शन: धार्मिक उत्सव के साथ प्रशासनिक संवाद
नवरात्रि के प्रथम दिन ही सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन आयोजित किया। लगभग 250 नागरिकों ने अपनी शिकायतें रखीं, जिनमें राशन कार्ड, पेंशन, भूमि विवाद और चिकित्सा सहायता शामिल थीं। योगी जी ने अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, विशेषकर भूमि अतिक्रमण पर सख्ती। यह आयोजन दर्शाता है कि धार्मिक उत्सव लोक कल्याण से जुड़ा है।
गोरखनाथ मंदिर का ऐतिहासिक महत्व: नाथ परंपरा का गढ़
गोरखनाथ मंदिर, 52 एकड़ में फैला, 11वीं शताब्दी के महायोगी गोरखनाथ को समर्पित है। यह नाथ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है, जहां शक्ति और शिव उपासना का मेल है। वर्तमान महंत योगी आदित्यनाथ ने 2014 से इसे सामाजिक सुधार का माध्यम बनाया। मंदिर ने भूकंप पीड़ितों के लिए हवन और कलश यात्राएं आयोजित की हैं। नवरात्रि यहां लाखों भक्तों को आकर्षित करता है, जो गोरखपुर की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखता है।
सोशल मीडिया पर #NavratriAtGorakhnath ट्रेंडिंग रहा, जहां भक्तों ने योगी जी की आरती के वीडियो शेयर किए। यह उत्साह पूरे प्रदेश में फैल रहा है।
निष्कर्ष: शक्ति की साधना से सामाजिक उत्थान
22 सितंबर 2025 को गोरखनाथ मंदिर में नवरात्रि उत्सव की शुरुआत ने शक्ति की साधना का संदेश दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ की कलश स्थापना और पूजा न केवल धार्मिक, बल्कि प्रेरणादायक रही। यह उत्सव भक्तों को समर्पण और सेवा का पाठ पढ़ाता है। गोरखपुर के निवासियों और दूर-दराज से आए भक्तों से अपील: उत्सव में भाग लें, नियमों का पालन करें और मां की कृपा प्राप्त करें। जय माता दी! नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
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