Deoria एसिड अटैक :ज्वैलर भाइयों ने विवाद में फेंका तेजाब, महिला समेत चार घायल

Deoria एसिड अटैक : उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में गुरुवार को एक ज्वैलरी दुकान पर हुआ विवाद खूनी रंग ले उड़ा, जब दुकान मालिक ने कथित तौर पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना में एक महिला समेत चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिनमें से एक की हालत चिंताजनक बनी हुई है। मईल चौराहा स्थित श्वेता ज्वैलर्स पर हुई इस घटना ने इलाके में दहशत फैला दी है। स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है, जबकि घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। यह घटना न केवल व्यक्तिगत विवाद की तीव्रता दर्शाती है, बल्कि एसिड अटैक जैसे अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी सवाल खड़े करती है।

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घटना का पूरा विवरण: बंधक ज्वैलरी से शुरू हुआ झगड़ा

घटना की जड़ एक साधारण-सी लगने वाली ज्वैलरी बंधक व्यवस्था में निहित है। पीड़ित पक्ष की एक महिला, संध्या राजभर, ने अपने पति को विदेश भेजने के उद्देश्य से अपना सोना श्वेता ज्वैलर्स पर गिरवी रखा था। आवश्यक धनराशि प्राप्त करने के बाद उन्होंने ज्वैलरी वापस मांग ली। हालांकि, दुकान मालिक अरविंद वर्मा ने ज्वैलरी लौटाने में टालमटोल किया, जिससे मामला गरमा गया। संध्या ने अपने भाई चंदन राजभर को साथ लेकर दुकान पर पहुंची, जहां बातें बढ़ने पर हाथापाई शुरू हो गई।

इसी दौरान, दुकान में आभूषण साफ करने के लिए रखे गए तेजाब की बोतल को हथियार बनाकर अरविंद वर्मा ने चंदन पर हमला कर दिया। तेजाब के छींटे इतने घातक थे कि न केवल चंदन, बल्कि संध्या और दुकान में मौजूद दो अन्य व्यक्ति भी झुलस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुकान के बाहर चीख-पुकार मच गई, और आसपास के लोग दौड़ते हुए घायलों को बचाने पहुंचे। चंदन राजभर की हालत सबसे गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें चेहरे और ऊपरी शरीर पर गंभीर जलनें हो गई हैं। संध्या को हाथों और गर्दन पर चोटें आईं, जबकि अन्य दो घायलों को मामूली जलनें हुईं। सभी को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद ऑब्जर्वेशन में रख लिया।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि श्वेता ज्वैलर्स देवरिया के व्यस्त इलाके में स्थित है और अक्सर ज्वैलरी बंधक के लेन-देन का केंद्र रही है। इस तरह के विवाद पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन तेजाब का इस्तेमाल पहली बार इतनी हिंसकता के साथ हुआ है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “विवाद तो रोज होता है, लेकिन तेजाब फेंकना तो जानलेवा है। दुकान में एसिड रखना आम है, लेकिन इसका दुरुपयोग रोकना चाहिए।”

आरोपी की पहचान और पुलिस कार्रवाई: फरार ज्वैलर भाइयों की तलाश

आरोपी अरविंद वर्मा श्वेता ज्वैलर्स के मालिक हैं, और सूत्रों के अनुसार उनके भाई भी दुकान संचालन में सहयोग करते हैं। घटना के तुरंत बाद दुकान बंद कर आरोपी फरार हो गए। देवरिया कोतवाली पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 (हत्या का प्रयास), 191 (मारपीट) और एसिड अटैक से संबंधित विशेष प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। एसएसपी देवरिया ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। “घटना अत्यंत निंदनीय है। हम जल्द ही आरोपी को पकड़ लेंगे और सख्त सजा सुनिश्चित करेंगे,” उन्होंने कहा।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ज्वैलरी बंधक के दस्तावेजों में कुछ अनियमितताएं हो सकती हैं, जिसे वित्तीय विवाद का रूप दिया जा रहा है। हालांकि, पीड़ित पक्ष ने साफ कहा कि यह केवल लेन-देन का मामला था, न कि कोई आपराधिक साजिश। इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है, ताकि कोई पुनर्विवाद न हो।

एसिड अटैक का सामाजिक और कानूनी संदर्भ: एक बढ़ता खतरा

भारत में एसिड अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो अक्सर व्यक्तिगत विवादों या बदले की भावना से प्रेरित होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2024 में उत्तर प्रदेश में ऐसे 150 से अधिक मामले दर्ज हुए, जो पूरे देश में दूसरे नंबर पर हैं। ये हमले मुख्य रूप से महिलाओं को निशाना बनाते हैं, लेकिन पुरुष पीड़ितों की संख्या भी कम नहीं। देवरिया जैसी घटनाएं दर्शाती हैं कि दैनिक जीवन के छोटे विवाद भी घातक हो सकते हैं।

कानूनी रूप से, एसिड अटैक को 2013 के आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के तहत हत्या के प्रयास के बराबर माना जाता है, जिसमें न्यूनतम 10 वर्ष की सजा और जुर्माना शामिल है। पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना भी है, जिसमें केंद्र सरकार 3 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान करती है। हालांकि, कार्यान्वयन में कमी बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ज्वैलरी दुकानों जैसे प्रतिष्ठानों पर एसिड के भंडारण पर सख्त नियम लागू करने की जरूरत है, ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके। सामाजिक स्तर पर, जागरूकता अभियान और काउंसलिंग को बढ़ावा देना आवश्यक है, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जहां विवाद जल्दी हिंसक हो जाते हैं।

देवरिया जिले में पिछले कुछ वर्षों में अपराधों की प्रवृत्ति देखें तो जमीनी विवाद और आर्थिक झगड़े प्रमुख कारण रहे हैं। 2023 में फतेहपुर गांव में जमीनी विवाद में छह लोगों की हत्या जैसी घटना ने पूरे जिले को हिला दिया था। वर्तमान घटना भी इसी चक्र का हिस्सा लगती है, जहां आर्थिक लेन-देन भावनाओं को भड़का देता है। स्थानीय प्रशासन को अब ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने पर विचार करना चाहिए।

घायलों की स्थिति और सामुदायिक प्रतिक्रिया

अस्पताल स्रोतों के अनुसार, चंदन राजभर को आईसीयू में रखा गया है, जहां प्लास्टिक सर्जरी की तैयारी चल रही है। संध्या को साधारण वार्ड में शिफ्ट किया गया, लेकिन उन्हें मानसिक आघात से जूझना पड़ रहा है। अन्य दो घायलों को छुट्टी मिल सकती है। पीड़ित परिवार ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जबकि स्थानीय महिला संगठनों ने विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर दी है। सोशल मीडिया पर #JusticeForDeoriaVictims जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जो घटना की व्यापकता दर्शाते हैं।

निष्कर्ष: विवादों को हिंसा में न बदलें

यह घटना हमें याद दिलाती है कि छोटे-छोटे विवादों को बातचीत से सुलझाना कितना महत्वपूर्ण है। ज्वैलरी बंधक जैसी व्यवस्थाओं में पारदर्शिता और कानूनी दस्तावेजीकरण जरूरी हैं। देवरिया पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि न्याय मिलेगा, लेकिन समाज को भी आत्म-मंथन करना होगा। एसिड जैसे खतरनाक पदार्थों का सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करना प्रत्येक व्यवसायी की जिम्मेदारी है। पीड़ितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए, हम आशा करते हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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