देवरिया सड़क हादसा: बीबीचक गांव में 18 वर्षीय युवक की मौत

देवरिया:

देवरिया जनपद के रामपुर कारखाना क्षेत्र के बीबीचक गांव में बुधवार रात करीब 10 बजे एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में 18 वर्षीय युवक की जान चली गई। मृतक की पहचान महेन्द्र यादव के पुत्र आलोक यादव के रूप में हुई है।

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को एम्बुलेंस के जरिए महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया भेजा गया। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद आलोक को मृत घोषित कर दिया।

कैसे हुआ 18 वर्षीय युवक की मौत— पूरा विवरण:

बुधवार रात करीब 10 बजे आलोक यादव अपने दोस्तों के साथ मोटरसाइकिल से रुद्रपुर से वापस बीबीचक गांव लौट रहा था। वे रुद्रपुर-गौरीबाजार मार्ग पर स्थित लौटही चौराहे के पास पहुंचे ही थे कि सामने से आ रही दूसरी बाइक से उनकी बाइक की सीधी टक्कर हो गई।

टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों बाइकों पर सवार सभी युवक सड़क पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना के तुरंत बाद आस-पास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

इस हादसे में कुल तीन लोग घायल हुए, जिनमें से आलोक यादव की मौके पर ही हालत नाजुक हो गई। जब उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस दुखद खबर से परिवार में कोहराम मच गया है। परिजन बेसुध होकर रोते-बिलखते नजर आए। गांव में भी शोक की लहर है।

देवरिया शेल्टर होम यौन शोषण कांड में CBI जांच शुरू

 देवरिया:

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित एक निजी शेल्टर होम “माँ विन्यास सेवा संस्थान” में नाबालिग बच्चियों के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न, शारीरिक शोषण और मानव तस्करी के मामले में CBI ने अब औपचारिक जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

  • यह मामला वर्ष 2018 में सामने आया जब शेल्टर होम से कई लड़कियां लापता पाई गई थीं।
  • पुलिस छापेमारी के दौरान कुछ लड़कियों को रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों से बरामद किया गया।
  • शेल्टर की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उसके परिवार के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।

CBI जांच क्यों?

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी CBI जांच की सिफारिश की थी। अब केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद CBI ने केस टेकओवर कर लिया है और नए सिरे से जांच शुरू की है।

मामला इतना अहम क्यों है?

यह केस बिहार के मुज़फ्फरपुर शेल्टर होम कांड की तरह है, जिसमें प्रशासनिक लापरवाही, भ्रष्टाचार और मानवता को शर्मसार करने वाले कृत्य उजागर हुए। इसने भारत की बाल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

आगे की कार्यवाही

  • CBI अब यह भी जांच करेगी कि क्या इस मामले में प्रशासनिक या राजनीतिक संरक्षण था।
  • संभव है कि नई गिरफ्तारियां हों और बड़े नामों का खुलासा भी हो।

निष्कर्ष

देवरिया बालिका गृह कांड सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सिस्टम पर एक करारा तमाचा है। CBI की निष्पक्ष जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा और दोषी अपने अंजाम तक पहुँचेंगे।

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