ऑटो स्टॉक्स में जबरदस्त उछाल—8% तक बढ़त

Auto Stock :4 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में ऑटो सेक्टर के शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 8% तक की बढ़त दर्ज की गई। यह उछाल जीएसटी परिषद द्वारा वाहनों और ऑटो पार्ट्स पर कर की दरों में की गई कटौती के बाद देखा गया, जिसने ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई गति प्रदान की।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

जीएसटी कटौती: ऑटो सेक्टर के लिए गेम-चेंजर

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में छोटी कारों, कॉम्पैक्ट SUVs, 350 सीसी तक के टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और मालवाहक वाहनों पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, सभी ऑटो पार्ट्स के लिए एक समान 18% जीएसटी स्लैब लागू किया गया। इस कटौती का प्रभाव 22 सितंबर 2025 से शुरू होगा, जिससे वाहन और ऑटो पार्ट्स की कीमतों में कमी आएगी।

इस कटौती ने न केवल उपभोक्ताओं के लिए वाहनों को अधिक किफायती बनाया, बल्कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के शेयरों में भी तेजी लाई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मध्यम वर्ग और पहली बार वाहन खरीदने वालों के लिए मांग को 10-20% तक बढ़ा सकता है। डेलॉइट इंडिया की पार्टनर शीना सरीन ने कहा, “यह सुधार न केवल किफायतीपन को बढ़ाएगा, बल्कि आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव को भी कम करेगा।”

प्रमुख ऑटो कंपनियों का प्रदर्शन: Auto Stock:

4 सितंबर को ऑटो स्टॉक्स में तेजी का नेतृत्व महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने किया, जिसके शेयरों में 7.75% की उछाल देखी गई और यह ₹3,539.25 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। अन्य प्रमुख कंपनियों में निम्नलिखित प्रदर्शन देखा गया:

  • एचर मोटर्स: शेयरों में 5.4% की बढ़त, जो ₹6,707.70 के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बंद हुआ।
  • टीवीएस मोटर कंपनी: 4.2% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • हीरो मोटोकॉर्प: 3.6% की बढ़त के साथ शेयरों ने मजबूत प्रदर्शन किया।
  • मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, और ह्युंडई मोटर: इनके शेयरों में 1.9% से 2.9% की वृद्धि देखी गई।

बीएसई ऑटो इंडेक्स भी 1.7% की बढ़त के साथ 58,712.10 पर पहुंच गया, जो इस सेक्टर में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

उछाल के पीछे के प्रमुख कारण

1. जीएसटी दरों में कमी

जीएसटी कटौती ने छोटी कारों और टू-व्हीलर्स को अधिक किफायती बनाया है, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। यह कदम ऑटो सेक्टर को न केवल बिक्री बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि उद्योग से जुड़े पुराने कर विवादों को भी सरल बनाएगा।

2. इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर 5% जीएसटी की निरंतरता

इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% की कम जीएसटी दर को बनाए रखने का निर्णय टिकाऊ गतिशीलता को बढ़ावा देगा। टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन सुदर्शन वेणु ने कहा, “5% जीएसटी की निरंतरता EV अपनाने को और तेज करेगी।” इससे ह्युंडई और टाटा मोटर्स जैसे निर्माताओं को फायदा होगा, जो अपने EV पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं।

3. मजबूत उपभोक्ता मांग

2024 में ऑटोमोबाइल खुदरा बिक्री में 9% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें टू-व्हीलर्स और पैसेंजर वाहनों की मजबूत मांग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिसंबर 2024 में मारुति सुजुकी ने 30% की साल-दर-साल बिक्री वृद्धि दर्ज की, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने SUV बिक्री में 18% की वृद्धि देखी।

4. टैरिफ अनिश्चितताओं का कम होना

हालांकि, टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन हाल के महीनों में कुछ देशों के साथ व्यापार समझौतों ने ऑटोमोबाइल कंपनियों को राहत दी है। जुलाई 2025 में अमेरिका में नई वाहन बिक्री 7.5% बढ़ी, जो वैश्विक स्तर पर ऑटो सेक्टर में सकारात्मक रुझान को दर्शाता है।

ऑटो सेक्टर में निवेश के अवसर

ऑटो स्टॉक्स में हाल की तेजी ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने अनुमान लगाया है कि जीएसटी कटौती से मांग में 10-20% की वृद्धि हो सकती है, जिसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, ह्युंडई, हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर और एचर मोटर्स जैसे स्टॉक्स सबसे बड़े लाभार्थी होंगे।

निवेशकों के लिए सुझाव

  1. मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियों पर ध्यान दें: महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसे स्टॉक्स मजबूत बिक्री और नए मॉडल लॉन्च के कारण आकर्षक हैं।
  2. इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट: टाटा मोटर्स और ह्युंडई जैसे निर्माता, जो EV सेगमेंट में निवेश कर रहे हैं, लंबी अवधि के लिए अच्छे निवेश विकल्प हो सकते हैं।
  3. जोखिम प्रबंधन: टैरिफ नीतियों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए।

चुनौतियाँ और जोखिम

हालांकि ऑटो स्टॉक्स में तेजी उत्साहजनक है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  • इन्वेंट्री लागत: डीलरों को 22 सितंबर तक पुरानी दरों पर खरीदे गए इन्वेंट्री के कारण नुकसान हो सकता है।
  • टैरिफ दबाव: अमेरिका और अन्य देशों में टैरिफ नीतियाँ भारतीय ऑटो निर्यात, विशेष रूप से टाटा मोटर्स जैसे निर्माताओं को प्रभावित कर सकती हैं।
  • महंगाई और ब्याज दरें: उच्च ब्याज दरें ऑटो लोन को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे मांग पर असर पड़ सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ

2025 के लिए ऑटो सेक्टर का दृष्टिकोण सकारात्मक है। कॉक्स ऑटोमोटिव ने अनुमान लगाया है कि 2025 में अमेरिका में नई वाहन बिक्री 16.3 मिलियन यूनिट तक पहुंच सकती है, जो 2024 से 3% अधिक है। भारत में भी, SUVs और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के कारण ऑटो सेक्टर में वृद्धि की उम्मीद है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी नई मॉडल लॉन्च रणनीति और मजबूत ग्रामीण मांग के कारण 2024 में 22% की ट्रैक्टर बिक्री वृद्धि दर्ज की। ह्युंडई ने अपनी क्रेटा इलेक्ट्रिक SUV के लॉन्च के साथ EV सेगमेंट में अपनी स्थिति मजबूत की है। ये रुझान दर्शाते हैं कि ऑटो सेक्टर में निवेश के लिए अभी भी कई अवसर हैं।

निष्कर्ष

4 सितंबर 2025 को ऑटो स्टॉक्स में 8% तक की उछाल जीएसटी कटौती, बढ़ती उपभोक्ता मांग और मजबूत कंपनी प्रदर्शन का परिणाम है। महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचर मोटर्स, टीवीएस मोटर और मारुति सुजुकी जैसे शेयरों ने इस रैली का नेतृत्व किया। निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक अवसर हो सकता है, बशर्ते वे जोखिमों को समझें और रणनीतिक रूप से निवेश करें। जीएसटी सुधार और EV सेगमेंट में निवेश के साथ, ऑटो सेक्टर 2025 में और मजबूत होने की उम्मीद है।

ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे NDTV

खबर यह भी पढ़े Tesla का सुपरचार्जर नेटवर्क अब 50 देशों में उपलब्ध: इलेक्ट्रिक वाहनों..