LG India IPO 2025: ₹15000 करोड़ के IPO मेगा इश्यू की पूरी जानकारी

15000 करोड़ के IPO -LG: दक्षिण कोरिया की प्रमुख उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपनी भारतीय इकाई, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, के लिए ₹15,000 करोड़ का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की तैयारी में है। यह IPO अक्टूबर 2025 में लॉन्च होने की उम्मीद है और इसे भारत के सबसे बड़े IPOs में से एक माना जा रहा है। सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने दिसंबर 2024 में दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को मार्च 2025 में मंजूरी दे दी थी।

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एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स IPO: प्रमुख विवरण 15000 करोड़ के IPO:

IPO का आकार और संरचना

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, जिसमें दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक., अपनी भारतीय इकाई में 15% हिस्सेदारी, यानी 10.18 करोड़ इक्विटी शेयर (प्रति शेयर ₹10 का अंकित मूल्य), बेचेगी। इस IPO का अनुमानित आकार ₹15,000 करोड़ (लगभग $1.8 बिलियन) है, जो इसे 2025 का सबसे बड़ा IPO बना सकता है। इस ऑफर में कोई नया शेयर जारी नहीं होगा, जिसका मतलब है कि सारी आय मूल कंपनी को जाएगी, और भारतीय इकाई को कोई पूंजी प्राप्त नहीं होगी।

IPO की कीमत बैंड और लॉट साइज की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि प्रति शेयर कीमत ₹[.] से ₹[.] के बीच हो सकती है। रिटेल निवेशकों के लिए 35%, योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए 50%, और उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (HNI) के लिए 15% कोटा निर्धारित किया गया है। IPO का प्रबंधन मॉर्गन स्टेनली इंडिया, जेपी मॉर्गन इंडिया, एक्सिस कैपिटल, BofA सिक्योरिटीज इंडिया, और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया जैसे प्रमुख बैंकों द्वारा किया जा रहा है, जबकि KFin टेक्नोलॉजीज लिमिटेड रजिस्ट्रार है। शेयरों को BSE और NSE पर सूचीबद्ध करने की योजना है।

15000 करोड़ के IPO की समय-सीमा

  • ड्राफ्ट फाइलिंग: दिसंबर 2024
  • सेबी मंजूरी: मार्च 2025
  • संभावित लॉन्च: अक्टूबर 2025 (पहले हाफ में)
  • आवंटन तिथि: 2025 (सटीक तारीख की घोषणा बाकी)
  • लिस्टिंग तिथि: 2025 (BSE और NSE पर)

एलजी ने पहले अप्रैल-मई 2025 में IPO लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाजार की अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, जैसे अमेरिकी टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव, के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। अब, बाजार में सकारात्मक गति के साथ, अक्टूबर 2025 को लॉन्च के लिए उपयुक्त समय माना जा रहा है।

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया: व्यवसाय का अवलोकन

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया 1997 में स्थापित हुई और यह भारत में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों के बाजार में दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी है, जो सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स के बाद है। कंपनी रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव ओवन, LED और OLED टीवी, और B2B समाधानों जैसे उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। इसके दो विनिर्माण संयंत्र नोएडा (उत्तर प्रदेश) और पुणे (महाराष्ट्र) में हैं, जो 97-98% स्थानीय उत्पादन करते हैं। कंपनी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में तीसरे संयंत्र के लिए ₹7,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की है, जिसके 2026 तक चालू होने की उम्मीद है।

वित्तीय प्रदर्शन

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने FY24 में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया:

  • राजस्व: ₹21,557.12 करोड़ (FY23 में ₹20,108.58 करोड़ से 7.48% की वृद्धि)
  • शुद्ध लाभ: ₹1,511.07 करोड़ (FY23 में ₹1,344.93 करोड़ से 12.35% की वृद्धि)
  • कैश और कैश समतुल्य: जून 2024 तक ₹3,606 करोड़
  • ऋण: शून्य (जून 2024 तक)
  • RoCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड): 45.3%
  • RoNW (रिटर्न ऑन नेट वर्थ): 40.45%

कंपनी ने FY24 में ₹2,489 करोड़ और FY23 में ₹2,093 करोड़ का डिविडेंड भुगतान किया। हालांकि, ₹6,743 करोड़ की संभावित देनदारी (रॉयल्टी भुगतान से संबंधित) एक जोखिम बनी हुई है, जो भारतीय अधिकारियों के साथ एडवांस प्राइसिंग एग्रीमेंट के तहत लंबित है।

IPO का उद्देश्य और रणनीति

“कोरिया डिस्काउंट” को संबोधित करना

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का यह IPO दक्षिण कोरियाई कंपनियों के लिए “कोरिया डिस्काउंट” को कम करने की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें दक्षिण कोरिया में सूचीबद्ध कंपनियों को उनके वैश्विक समकक्षों की तुलना में कम मूल्यांकन मिलता है। भारत में सूचीबद्ध होने से, एलजी को उम्मीद है कि वह बेहतर शेयरधारक रिटर्न प्राप्त करेगी और अपनी भारतीय इकाई का मूल्यांकन $13-15 बिलियन तक बढ़ाएगी। यह रणनीति हाल ही में हुंडई मोटर इंडिया के ₹27,870 करोड़ के IPO की सफलता से प्रेरित है, जो भारत का सबसे बड़ा IPO था।

बाजार की स्थिति का लाभ

भारत का प्राथमिक बाजार 2025 में मजबूत गति दिखा रहा है, जिसमें 30 IPOs ने ₹60,000 करोड़ से अधिक जुटाए हैं। एलजी का IPO इस सकारात्मक धारणा का लाभ उठाने के लिए तैयार है। कंपनी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रोडशो शुरू किए हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मजबूत ब्रांड, स्थानीय उत्पादन क्षमता, और उच्च लाभप्रदता इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाएगी।

बाजार और प्रतिस्पर्धा

भारत का घरेलू उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार पिछले पांच वर्षों में 7% की दर से बढ़ा है और अगले पांच वर्षों में 12% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है। यह वृद्धि बढ़ती डिस्पोजेबल आय, शहरीकरण, और ग्रामीण क्षेत्रों में उपकरणों की बढ़ती मांग से प्रेरित है। एलजी इंडिया रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, और माइक्रोवेव ओवन में बाजार नेता है, और ऑफलाइन चैनल में 2011-2023 तक लगातार 13 वर्षों तक मूल्य हिस्सेदारी में नंबर एक रहा है।

हालांकि, कंपनी को सैमसंग, सोनी, हायर, व्हर्लपूल, फिलिप्स, हवेल्स, वोल्टास, और गोदरेज जैसे वैश्विक और घरेलू खिलाड़ियों से तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना है। सैमसंग इंडिया का FY23 में राजस्व ₹99,541.6 करोड़ था, जो एलजी से काफी अधिक है। इसके बावजूद, एलजी की स्थानीय उत्पादन क्षमता, मजबूत वितरण नेटवर्क (25 गोदाम, 949 सर्विस सेंटर, और 31,291 उप-डीलर), और “ग्लोकल” रणनीति (स्थानीय प्राथमिकताओं के अनुरूप उत्पाद) इसे प्रतिस्पर्धी बनाए रखती है।

निवेशकों के लिए अवसर और जोखिम

अवसर

  1. मजबूत बाजार स्थिति: एलजी इंडिया प्रमुख घरेलू उपकरणों में वॉल्यूम के हिसाब से बाजार नेता है और ऑफलाइन चैनल में मूल्य हिस्सेदारी में शीर्ष पर है।
  2. वित्तीय स्थिरता: शून्य ऋण, उच्च RoCE, और लगातार लाभप्रदता निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
  3. बाजार वृद्धि: भारत के उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार की तेज वृद्धि और एलजी की नई विनिर्माण सुविधा इसके दीर्घकालिक विकास को समर्थन देगी।
  4. ब्रांड विश्वास: एलजी का मजबूत ब्रांड और ग्राहक संतुष्टि इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।

जोखिम

  1. रॉयल्टी भुगतान: FY24 में 1.89% राजस्व (₹403 करोड़) के रूप में रॉयल्टी भुगतान और ₹6,743 करोड़ की संभावित देनदारी शेयरधारक रिटर्न को प्रभावित कर सकती है।
  2. प्रतिस्पर्धा: सैमसंग और अन्य ब्रांडों से तीव्र प्रतिस्पर्धा मार्जिन को प्रभावित कर सकती है।
  3. विनिर्माण निर्भरता: नोएडा और पुणे संयंत्रों पर अत्यधिक निर्भरता, और नई सुविधा में देरी, व्यवसाय को प्रभावित कर सकती है।
  4. बाजार अस्थिरता: वैश्विक व्यापार विवाद और टैरिफ नीतियाँ मूल्यांकन को प्रभावित कर सकती हैं।

निवेश रणनीति

विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, क्योंकि एलजी का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और बाजार नेतृत्व स्थिर रिटर्न दे सकता है। हालांकि, $15 बिलियन के मूल्यांकन पर, कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) अनुपात 85 के आसपास है, जो ब्लू स्टार (82), वोल्टास (69), और हवेल्स (67) से अधिक है। यह प्रीमियम मूल्यांकन सीमित अल्पकालिक उछाल का संकेत देता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशक बाजार वृद्धि और कंपनी की विस्तार योजनाओं से लाभ उठा सकते हैं।

रिटेल निवेशकों को IPO आवेदन के लिए UPI या ASBA का उपयोग करना चाहिए। ज़ेरोधा और अपस्टॉक्स जैसे ब्रोकर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान करते हैं। निवेशकों को आवंटन स्थिति की जांच KFin टेक्नोलॉजीज की वेबसाइट पर करनी चाहिए।

निष्कर्ष

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का ₹15,000 करोड़ का IPO भारत के शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो निवेशकों को एक प्रमुख उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड में निवेश का अवसर प्रदान करता है। मजबूत वित्तीय स्थिति, स्थानीय उत्पादन क्षमता, और बाजार नेतृत्व इसे आकर्षक बनाते हैं, लेकिन रॉयल्टी भुगतान और प्रतिस्पर्धा जैसे जोखिमों पर ध्यान देना जरूरी है। यह IPO न केवल एलजी की वैश्विक रणनीति को मजबूत करेगा, बल्कि भारत के प्राथमिक बाजार की गति को भी बढ़ाएगा। निवेशकों को सूचित निर्णय लेने के लिए कंपनी के वित्तीय विवरण और बाजार की स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए।

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