देवरिया:
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित एक निजी शेल्टर होम “माँ विन्यास सेवा संस्थान” में नाबालिग बच्चियों के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न, शारीरिक शोषण और मानव तस्करी के मामले में CBI ने अब औपचारिक जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
- यह मामला वर्ष 2018 में सामने आया जब शेल्टर होम से कई लड़कियां लापता पाई गई थीं।
- पुलिस छापेमारी के दौरान कुछ लड़कियों को रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों से बरामद किया गया।
- शेल्टर की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उसके परिवार के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
CBI जांच क्यों?
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी CBI जांच की सिफारिश की थी। अब केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद CBI ने केस टेकओवर कर लिया है और नए सिरे से जांच शुरू की है।
मामला इतना अहम क्यों है?
यह केस बिहार के मुज़फ्फरपुर शेल्टर होम कांड की तरह है, जिसमें प्रशासनिक लापरवाही, भ्रष्टाचार और मानवता को शर्मसार करने वाले कृत्य उजागर हुए। इसने भारत की बाल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
आगे की कार्यवाही
- CBI अब यह भी जांच करेगी कि क्या इस मामले में प्रशासनिक या राजनीतिक संरक्षण था।
- संभव है कि नई गिरफ्तारियां हों और बड़े नामों का खुलासा भी हो।
निष्कर्ष
देवरिया बालिका गृह कांड सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सिस्टम पर एक करारा तमाचा है। CBI की निष्पक्ष जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा और दोषी अपने अंजाम तक पहुँचेंगे।
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