ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाला: बेलगावी में IT पेशेवर को “फॉरेस्ट ट्रेडिंग” प्लेटफॉर्म ने ₹62 लाख का चूना लगाया

बेलगावी, कर्नाटक में एक IT पेशेवर को “फॉरेस्ट ट्रेडिंग” नामक एक फर्जी ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म के जरिए ₹62 लाख का नुकसान हुआ। यह घटना ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटालों की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है, जहां स्कैमर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को झूठे निवेश के जाल में फंसाते हैं। बेलगावी के साइबर क्राइम, आर्थिक अपराध और नारकोटिक्स (CEN) पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत दर्ज की गई है, और जांच में राजस्थान से संबंधित सुराग मिले हैं। यह लेख घोटाले के तरीके, पुलिस कार्रवाई, और भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़े से बचने के उपायों पर प्रकाश डालता है।

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घोटाले का तरीका

ऑनलाइन स्कैमर ने IT पेशेवर को निशाना बनाने के लिए निम्नलिखित रणनीति अपनाई:

  1. सोशल मीडिया के जरिए संपर्क:
    • स्कैमर ने इंस्टाग्राम के माध्यम से पीड़ित को संपर्क किया और “फॉरेस्ट ट्रेडिंग” नामक एक फर्जी निवेश वेबसाइट के बारे में बताया। इस प्लेटफॉर्म को उच्च रिटर्न देने वाला बताया गया।
    • यह एक सामान्य तरीका है, जहां स्कैमर सोशल मीडिया, फर्जी विज्ञापनों, या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए लोगों को लुभाते हैं।
  2. झूठे मुनाफे का लालच:
    • शुरुआत में, स्कैमर ने पीड़ित को छोटे निवेश पर फर्जी मुनाफा दिखाया और उनके खाते में छोटी राशि जमा की, ताकि विश्वास जीता जा सके।
    • इस रणनीति का उपयोग स्कैमर अक्सर करते हैं, ताकि पीड़ित को लगे कि निवेश वास्तव में लाभकारी है।
  3. बड़ा निवेश और धोखा:
    • विश्वास जीतने के बाद, स्कैमर ने पीड़ित को ₹62 लाख के दो बड़े निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
    • इसके बाद वेबसाइट को बंद कर दिया गया, और स्कैमर गायब हो गए, जिससे पीड़ित को ₹42 लाख का शुद्ध नुकसान हुआ।
  4. पेशेवर दिखने वाली वेबसाइट:
    • “फॉरेस्ट ट्रेडिंग” प्लेटफॉर्म को पेशेवर और विश्वसनीय दिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो स्कैमर्स की एक आम रणनीति है। ऐसी वेबसाइट्स अक्सर हाई रिटर्न का वादा करती हैं और फर्जी टेस्टिमोनियल्स का इस्तेमाल करती हैं।

पुलिस कार्रवाई

बेलगावी के CEN पुलिस स्टेशन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की:

  • ₹20 लाख की राशि रोकी गई: पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और ₹20 लाख की राशि को स्कैमर के बैंक खाते में ट्रांसफर होने से रोक लिया।
  • जांच में राजस्थान का कनेक्शन: पुलिस की प्रारंभिक जांच में स्कैमर के राजस्थान से संबंध होने का पता चला है। जांच अभी जारी है।
  • CEN इंस्पेक्टर का बयान: CEN इंस्पेक्टर बीआर गड्डेकर ने बताया कि स्कैमर सोशल मीडिया का उपयोग लोगों को लुभाने के लिए करते हैं। वे छोटे निवेशों पर फर्जी मुनाफा दिखाते हैं और फिर बड़ी राशि जमा करने के लिए दबाव डालते हैं। इसके बाद वेबसाइट बंद कर दी जाती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटालों की बढ़ती प्रवृत्ति

बेलगावी में ऑनलाइन घोटालों की संख्या बढ़ रही है, और CEN पुलिस के अनुसार प्रतिदिन 2-3 शिकायतें दर्ज हो रही हैं। यह घटना ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम्स की व्यापक समस्या को दर्शाती है:

  • सामान्य रणनीतियां: स्कैमर फर्जी विज्ञापनों, सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट, या आकर्षक वेबसाइट्स के जरिए लोगों को फंसाते हैं।
  • लक्षित समूह: शिक्षित और तकनीक-प्रेमी लोग, जैसे IT पेशेवर, अक्सर इन स्कैम्स का शिकार बनते हैं, क्योंकि वे निवेश के अवसरों पर जल्दी विश्वास कर लेते हैं।
  • नुकसान: वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम्स के कारण निवेशक हर साल अरबों रुपये खो रहे हैं।

सोशल मीडिया की भूमिका

इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स स्कैमर्स के लिए आसान शिकार ढूंढने का जरिया बन गए हैं।

  • फर्जी विज्ञापन: स्कैमर फर्जी न्यूज़ आर्टिकल्स, सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स, या आकर्षक ऑफर्स का उपयोग करते हैं।
  • जालसाजी: कुछ स्कैमर पीड़ित के कंप्यूटर पर रिमोट एक्सेस के जरिए वायरस या स्पायवेयर डालते हैं।

बचाव के उपाय

ऐसे घोटालों से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  1. वेबसाइट की प्रामाणिकता जांचें:
    • निवेश करने से पहले वेबसाइट की वैधता की जांच करें। SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) या RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) से पंजीकृत ब्रोकर्स के साथ ही निवेश करें।
    • कंपनी का पता, संपर्क विवरण, और लाइसेंस नंबर सत्यापित करें।
  2. सोशल मीडिया पर सावधानी:
    • इंस्टाग्राम, फेसबुक, या अन्य प्लेटफॉर्म्स पर अनचाहे निवेश ऑफर्स से सावधान रहें।
    • फर्जी विज्ञापनों या सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स पर भरोसा न करें।
  3. छोटे निवेश से शुरू करें:
    • शुरुआत में छोटी राशि निवेश करें और निकासी की प्रक्रिया जांचें। यदि निकासी में रुकावटें हों, जैसे उच्च शुल्क या टैक्स की मांग, तो सतर्क हो जाएं।
  4. रिमोट एक्सेस से बचें:
    • किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस न दें।
  5. जल्दबाजी से बचें:
    • स्कैमर अक्सर तत्काल निवेश के लिए दबाव डालते हैं। ऐसे ऑफर्स को तुरंत ठुकराएं।
  6. साइबर क्राइम हेल्पलाइन:
    • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की शिकायत तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) या स्थानीय पुलिस को करें।

पुलिस और प्रशासन की सलाह

CEN इंस्पेक्टर बीआर गड्डेकर ने जनता से अपील की है कि वे लालच में आकर फर्जी निवेश योजनाओं में न फंसें। पुलिस कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चला रही है।

  • जागरूकता अभियान: बेलगावी पुलिस लोगों को ऑनलाइन स्कैम्स के खतरों के बारे में शिक्षित कर रही है।
  • सतर्कता: केवल SEBI-पंजीकृत प्लेटफॉर्म्स पर निवेश करें और अनजान लिंक्स पर क्लिक करने से बचें।

निष्कर्ष

बेलगावी में “फॉरेस्ट ट्रेडिंग” नामक फर्जी प्लेटफॉर्म के जरिए एक IT पेशेवर को ₹62 लाख का नुकसान हुआ, जो ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटालों की बढ़ती समस्या को दर्शाता है। स्कैमर ने इंस्टाग्राम के जरिए पीड़ित को फंसाया और फर्जी मुनाफा दिखाकर बड़ी राशि निवेश करवाई। पुलिस ने ₹20 लाख की राशि बचाने में सफलता पाई, लेकिन ₹42 लाख का नुकसान हो चुका है। यह घटना ऑनलाइन निवेश में सावधानी और जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। ताजा अपडेट्स के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया, न्यूज़18, और अन्य विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर नजर रखें।

सुझाव: निवेश से पहले वेबसाइट और कंपनी की पूरी जांच करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत करें और SEBI-पंजीकृत ब्रोकर्स के साथ ही निवेश करें।

अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

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